Android vs iOS 2024: 7 कारण जिनसे Android हावी और iOS पीछे रह गया

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Android vs iOS 2024: 7 कारण जिनसे Android हावी और iOS पीछे रह गया

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By Ritik Rai

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Android vs iOS जब भी बात स्मार्टफोन ऑपरेटिंग सिस्टम की होती है, तो दो बड़े नाम सबसे पहले दिमाग में आते हैं: एंड्रॉयड और आईओएस। एक तरफ Apple के iOS का बंद ढांचा है, और दूसरी ओर Google के एंड्रॉयड का खुला मैदान। 2024 में, ये जंग और भी दिलचस्प हो गई है, और हम यहां कुछ मजेदार और हल्के-फुल्के अंदाज में आपको 7 कारण बताएंगे कि क्यों Android ने बाजी मार ली और iOS कहीं पीछे छूट गया।

1. तेज़ सॉफ़्टवेयर अपडेट: 2024 में iOS पर Android का फ़ायदा

2024 में, एंड्रॉयड ने सॉफ्टवेयर अपडेट्स के मामले में बाजी मार ली है। जहां पहले आईओएस यूज़र्स अपने अपडेट्स के लिए सुकून की चाय पीते थे, वहीं अब Android यूज़र्स भी अपडेट्स का मज़ा लेने लगे हैं। भई, जब एंड्रॉयड भी समय पर अपडेट दे रहा है, तो किसको इंतज़ार पसंद है? और हां, अब एंड्रॉयड में अपडेट्स के साथ नए फीचर्स की भरमार है, जैसे कि नया Material You डिज़ाइन और बेहतर बैटरी परफॉर्मेंस। ( Android vs iOS )

2. अनुकूलन स्वतंत्रता: निजीकरण में Android, आईओएस से बेहतर क्यों है?

अगर आप अपने फोन को अपने हिसाब से सजाना चाहते हैं, तो एंड्रॉयड ही आपका साथी है। आईओएस यूज़र्स की जिंदगी में बदलाव सिर्फ वॉलपेपर बदलने तक सीमित है, जबकि एंड्रॉयड यूज़र्स के पास हर चीज़ को अपनी पसंद के अनुसार बदलने की आज़ादी है। अपने फोन को वैसा बनाओ जैसा आपका दिल चाहता है। चाहे वो आइकन्स हों, विजेट्स हों, या फिर ऐप्स के लेआउट। ऐसा लगता है कि आईओएस ने एंड्रॉयड से यही सीखा कि बदलाव जिंदगी का हिस्सा है, लेकिन फिर भी वो इतनी आज़ादी देने से घबराता है। ( Android vs iOS )

3. हार्डवेयर विविधता: एंड्रॉयड, आईओएस की तुलना में अधिक विकल्प प्रदान करता है

अगर आपको लगता है कि आपके पास विकल्पों की कमी है, तो एंड्रॉयड की दुनिया में कदम रखिए। यहां हर रंग, हर साइज और हर बजट के लिए फोन उपलब्ध हैं। आपको चाहिए गेमिंग के लिए फोन? एंड्रॉयड के पास है। आपको चाहिए कैमरा के लिए फोन? एंड्रॉयड के पास है। दूसरी ओर, iOS यूज़र्स सिर्फ iPhone की सीमित श्रृंखला में बंधे रहते हैं। ऐसा नहीं है कि iPhone बुरा है, लेकिन इतने पैसे खर्च कर के एक ही ऑप्शन में क्यों फंसना?

4. मल्टीटास्किंग क्षमताएं: Android के बेहतर उपकरण बनाम iOS

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में मल्टीटास्किंग बहुत जरूरी हो गई है। एंड्रॉयड में आप एक साथ कई काम कर सकते हैं, जैसे कि स्क्रीन स्प्लिट कर के एक तरफ वीडियो देखना और दूसरी तरफ चैट करना। और अगर आपको लगता है कि ये थोड़ा ज्यादा हो गया, तो यकीन मानिए, आईओएस में तो ये सब करने का सपना भी महंगा पड़ सकता है। एंड्रॉयड की multitasking क्षमताएं सच में काबिले तारीफ हैं। ( Android vs iOS )

5. ऐप स्टोर का लचीलापन: एंड्रॉयड का Google Play बनाम Apple के प्रतिबंध

Google Play की दुनिया इतनी खुली है कि यहां आप कुछ भी पा सकते हैं। दूसरी ओर, Apple का App Store सख्त नियमों के साथ आता है, जो शायद किसी को थोड़ा परेशान कर सकता है। अगर आपको किसी नए ऐप का ट्रायल चाहिए, तो Android में आपको पूरी आज़ादी है। आईओएस में तो ऐसा लगता है जैसे ऐप्स का खजाना बंद तिजोरी में रखा हो। एंड्रॉयड यूज़र्स के पास यहां भी एक बड़ी जीत है।

6. फ़ाइल प्रबंधन: एंड्रॉयड का ओपन सिस्टम बनाम iOS की सीमाएँ

अगर आप अपने फोन को एक कंप्यूटर की तरह चलाना चाहते हैं, तो एंड्रॉयड आपकी मदद के लिए तैयार है। File management के मामले में एंड्रॉयड का कोई सानी नहीं। आप अपने फोन को कंप्यूटर से कनेक्ट करें और बस फाइल्स ट्रांसफर करें, जैसे पुराने जमाने में पेन ड्राइव से किया करते थे। दूसरी ओर, आईओएस में ये सब करना थोड़ा झंझट भरा हो सकता है। ऐसा लगता है जैसे आईओएस में फाइल्स को हाथ लगाने से भी डर लगता है।